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Reverse charge Mechanism (RCM) in GST

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What is Reverse Charge Mechanism? The supplier of goods or services pays the tax on supply. Under the reverse charge mechanism, the recipient of goods or services becomes liable to pay the tax, i.e., the chargeability gets reversed. The objective of shifting the burden of GST payments to the recipient is to widen the scope of levy of tax on various unorganized sectors, to exempt specific classes of suppliers, and to tax the import of services (since the supplier is based outside India). Only certain types of business entities are subject to the reverse charge mechanism. When Reverse Charge Applicable? Section 9(3), 9(4) and 9(5) of Central GST and State GST Acts govern the reverse charge scenarios for intrastate transactions. Also, sections 5(3), 5(4) and 5(5) of the Integrated GST Act govern the reverse charge scenarios for inter-state transactions. Let’s have a detailed discussion regarding these scenarios: A. Supply of certain goods and services specified by the

How to registration for GST number -

जीएसटी नंबर के लिए रजिस्ट्रेशन नीचे दिए स्टेप्स फॉलो कर आप GST रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन ही कर सकते हैं। सबसे पहले अपने ब्राउज़र पर इस लिंक को खोलें(http://www.gst.gov.in)। आपके सामने एक पेज खुल जाएगा। उस पेज पर न्यू रजिस्ट्रेशन(new registration) के लिए फॉर्म GST REG-01 को सेलेक्ट(select) कर लीजिए। आपके सामने एक फॉर्म खुल जाएगा। फॉर्म GST REG-01 में सबसे पहले Part 1 को भरिए। जिसमें आपका नाम, पेन(PAN), मोबाइल(Mobile number) इत्यादि शामिल होता है। फिर Proceed कर दीजिए। आपके सामने एक और पेज खुल जाएगा।(नोट- आपके द्वारा दिए गए नंबर पर वेरीफिकेशन(verification) के तौर पर ओटीपी(OTP) सेंड किया जाएगा।) इस पेज पर आपके नंबर पर आए हुए ओटीपी(OTP) को भर कर वेरीफाई करें। फिर कंफर्म कर दें। (नोट- आपके द्वारा दिए गए मोबाइल नंबर और ईमेल पर एप्लीकेशन रेफरेंस नंबर(Application Reference Number -APN) भेजा जाएगा। इस APN नंबर को नोट कर लें। यह नंबर फॉर्म के Part 2 को भरने में काम आएगा। GST रजिस्ट्रेशन प्रोसेस अब आपको GST REG-01 फॉर्म का Part 2 भरना होगा। इस फॉर्म में आपके पहचान और बिजनेस के जरू

Goods and Services Tax -

वस्तु एवं सेवा कर - Goods and Services Tax) भारत में 1 जुलाई 2017 से लागू एक महत्वपूर्ण अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था है जिसे सरकार व कई अर्थशास्त्रियों द्वारा इसे स्वतंत्रता के पश्चात् सबसे बड़ा आर्थिक सुधार बताया है।[1] [2] इसके लागू होने से केन्द्र सरकार एवम् विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा भिन्न भिन्न दरों पर लगाए जा रहे विभिन्न करों को हटाकर पूरे देश के लिए एक ही अप्रत्‍यक्ष कर प्रणाली लागू हो गयी है।[3] इस कर व्यवस्था को लागू करने के लिए भारतीय संविधान में संशोधन किया गया था।[4] वस्तु एवं सेवा कर, वस्तु एवं सेवा कर परिषद द्वारा संचालित है। भारत के वित्त मंत्री इसके अध्यक्ष होते हैं। जीएसटी के तहत, वस्तुओं और सेवाओं को निम्न दरों पर लगाया जाता है, 0%, 5%, 12%, 18% और,28% । मोटे कीमती और अर्ध कीमती पत्थरों पर 0.25% की एक विशेष दर तथा सोने पर 3% की दर है। कर की प्रकृति जीएसटी एक मूल्य वर्धित कर है जो कि विनिर्माता से लेकर उपभोक्‍ता तक वस्‍तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर एक एकल कर है। प्रत्‍येक चरण पर भुगतान किये गये इनपुट करों का लाभ मूल्‍य संवर्धन के बाद के चरण में उपलब्‍ध होगा जो प्रत्‍

INCOME TAX (OLD & NEW SCHEME)

  The assessee can choose between the New Tax Regime and the Old Tax Regime depending on what is best suitable from a tax planning point of view.   Income-tax rates under the new tax regime v/s the old tax regime Income slabs (Rs) Tax Rate(Old Regime) Tax Rate(New Regime - devoid of exemptions & deductions) Up to 2.5 lakh Nil Nil 2.5-5 lakh 5% 5% 5-7.5 lakh 20% 10% 7.5-10 lakh 20% 15% 10-12.5 lakh 30% 20% 12.5-15 lakh 30% 25% Above 15 lakh 30% 30% Note: The above rates are subject to surcharge and cess, as applicable. Which scheme is better ( New vs. Old ) New Tax Regime has proposed lower income-tax rates, for income segments up to Rs 15 lakh. But the proposed lower tax rates will be applicable only if we are willing to give up exemptions and deductions available. This means that when we choose the New Tax Regime, we will have to forgo some exemptions such as Leave Travel Allowance (LTA), House Rent Allowance (HRA), etc] and deductions available under chapter

INCOME TAX RATES (F.Y. 2020-21)

  TAX RATES FOR F.Y. 2020-21 Income Tax Rate for Individuals & HUF : Individual (Resident or Resident but not Ordinarily Resident or non-resident), (who less than 60 years on the last day of the relevant previous year & for HUF : Taxable income Tax Rate (Existing Scheme) Tax Rate (New Scheme) Up to Rs. 2,50,000 Nil Nil Rs. 2,50,001 to Rs. 5,00,000 5% 5% Rs. 5,00,001 to Rs. 7,50,000 20% 10% Rs. 7,50,001 to Rs. 10,00,000 20% 15% Rs. 10,00,001 to Rs. 12,50,000 30% 20% Rs. 12,50,001 to Rs. 15,00,000 30% 25% Above Rs. 15,00,000 30% 30%  Resident or Resident but not Ordinarily Resident senior citizen, i.e., every individual, being a resident or Resident but not Ordinarily Resident in India, who is of the age of 60 years or more but less than 80 years at any time during the previous year: Taxable income Tax Rate (Existing Scheme) Tax Rate (New Scheme) Up to Rs. 2,50,000 Nil Nil Rs. 2,50,001 to Rs. 3,00,000 Nil 5% Rs. 3,00,001 to Rs. 5,00,000 5% 5% Rs. 5,00,001 to Rs. 7,50,0

Income tax - 26 AS

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  New Form 26AS  - Effective from 1 June 2020 With effect from 1 June 2020, data will be available in a new Form 26AS: Detail of TDS & TCS Details of  Specified Financial Transactions Income-tax payments such as advance tax and self-assessment tax paid by the taxpayer Tax demands and tax refunds Pending and completed income-tax proceedings   The new form is in line with the budget 2020 announcement to facilitate compliance and correct payment of taxes.

Income Tax - 26 AS

नया फॉर्म 26AS का परिचय  (वार्षिक  सूचना)  1 जून 2020 से लागू नया 26AS हालाँकि, लोग इसके बारे में अधिक जानना चाहते हैं और इसीलिए हम यहाँ नए रूप में 26AS के सम्पूर्ण विवरण के साथ हैं। करदाताओं के लिए फाइलिंग फॉर्म 26AS नए बदलाव केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने फॉर्म 26AS फाइलिंग में कुछ नए बदलाव पेश किए हैं। इस वर्ष से, SFTs को ITRR (इंश्योरेंस रिटर्न) दाखिल करने के लिए वित्तीय हस्तांतरण को याद करने में मदद करेगा। अब से, सभी लेनदेन जैसे नकद जमा / बैंक खातों से बचत, क्रेडिट कार्ड से भुगतान, शेयरों की खरीद, डिबेंचर, विदेशी मुद्रा, स्थिर संपत्ति की बिक्री / खरीद, समय पर जमा, म्यूचुअल फंड, शेयरों की खरीद और नकद भुगतान माल और सेवाओं को फ़ॉर्म में दर्ज किया जाएगा। इस कदम से मूल्यांकनकर्ताओं की फॉर्म और वित्तीय स्थिति में अधिक विस्तार और विस्तार होगा। अब तक 26AS फॉर्म में कुछ विशिष्ट व्यक्तिगत अहसों की आवश्यकता होती थी जैसे नाम, पता और पैन लेकिन नए फॉर्म में अधिक विवरण जैसे जन्म तिथि, पंजीकृत ईमेल पता और मोबाइल / फोन नंबर होगा। यह संशोधन आपको प्रदान किए गए संचार विकल्पों से अवगत रखने के ल